राजा भानुप्रताप के विशाल महल में एक सुंदर वाटिका थी, जिसमें अंगूरों की एक बेल लगी थी। वहां रोज एक चिड़िया आती, मीठे अंगूर चुन-चुनकर खा जाती और अधपके व खट्टे अंगूरों को नीचे गिरा देती। माली ने चिड़िया को पकड़ने की बहुत कोशिश की, पर वह हाथ नहीं आई। हताश होकर एक दिन माली ने राजा को यह बात बताई। यह सुनकर राजा को आश्चर्य हुआ। उसने सोचा,इस चिड़िया को वह खुद पकड़ेंगे और उसे सबक सिखाएंगे।
Sonata NG7078YM03 Watch - For Menअगले दिन वह वाटिका में छिपकर बैठ गए। जब चिड़िया अंगूर खाने आई तो राजा ने उसे पकड़ लिया। वह चिड़िया की गरदन मरोड़ने ही वाले थे कि चिड़िया बोली, 'राजन, मैं आपको ज्ञान की चार महत्वपूर्ण बातें बताऊंगी।' राजा ने कहा, 'जल्दी बोलो।' चिड़िया बोली, पहली बात ये कि हाथ में आए शत्रु को कभी मत छोड़ो। राजा ने कहा, दूसरी बात? चिड़िया ने कहा, असंभव बात पर भूलकर भी विश्वास मत करो। तीसरी बात यह है कि बीती बातों पर कभी पश्चाताप मत करो। राजा ने कहा, 'अब चौथी बात भी जल्दी बता दो।' इस पर चिड़िया बोली, 'चौथी बात बड़ी गूढ़ और रहस्यमयी है। मेरी गरदन थोड़ी ढीली करें क्योंकि मेरा दम घुट रहा है। कुछ सांस लेकर ही बता सकूंगी।'
Nokia 105 Dual Sim 2017चिड़िया की बात सुन राजा ने अपना हाथ ढीला किया। बस चिड़िया उड़कर एक डाल पर बैठ गई। राजा भौंचक्क उसे देख रहे थे। चिड़िया बोली, 'हे राजन, चौथी बात यह है कि ज्ञान की बात सुनने और पढ़ने से कुछ लाभ नहीं होता, उस पर अमल करने से होता है। मैं आपकी शत्रु थी। फिर भी, मुझे पकड़ने के बाद आप मेरी अच्छी-अच्छी बातों के बहकावे में आ गए और मुझे छोड़ दिया। अब तो आप अपनी गलती पर बस पछता सकते हैं।' इतना कह चिड़िया उड़ गई और राजा वहीं ठगे से खड़े रह गए।
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