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आओ खरगोश की अटखेलिया देखे।

क्या आप जानते हैं टेक ईजी लर्न फर्स्ट यूट्यूब चैनल के बारे में ये चैनल आप को रूबरू कर रहा है नन्हे खरगोश की मस्ती से और बचपन में हर किसी की इच्छा रहती है मैं खरगोश के साथ मस्ती करु| हम इस यूट्यूब चैनल पर देख ने वाले है हनीबन्नी नाम के दो खरगोश की मस्ती भरे वीडियो तो देर किस बात आज ही चैनल की सब्सक्राइब करे|

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Rani Padmavati History in Hindi | वीरांगना रानी पद्मिनी की जीवनी

रानी पद्मावती पर भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी द्वारा लिखी गई और उनके मुख से बोली गई कविता बड़ी निराली है। इस वीडियो को देखकर आप गर्वित महसूस करोगे । देखने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें👇👇👇👇👇 महारानी पद्मावती जीवनी हमारे देश में जिन वीर बालाओ ने अपने प्राणों की आहुति देकर अपने मान सम्मान की रक्षा की उनमे वीरांगना रानी पद्मिनी (Rani Padmavati) का नाम सर्वोपरि है | राजकुमारी पद्मिनी (Rani Padmavati) सिंहल द्वीप के राजा की पुत्री थी | वह बचपन से ही बड़ी सुंदर और बुद्धिमान थी | पद्मिनी जब बड़ी हुयी तो उसकी बुद्धिमानी के साथ ही उसके सौन्दर्य की चर्चे चारो तरफ होने लगे | पद्मिनी (Padmavati) का लम्बा इकहरा शरीर ,झील सी गहरी आँखे और परियो सा सुंदर रंग रूप सभी का ध्यान आकर्षित कर लेता था | स्वयंवर में हुआ रावल रतनसिंह से विवाह सिंहल द्वीप के अनेक राजपुरुष और आसपास के राजा-राजकुमार आदि पद्मिनी (Padmavati) से विवाह करने के लिए लालायित थे किन्तु सिंहल नरेश राजकुमारी पद्मिनी का विवाह किसी ऐसे व्यक्ति के साथ करना चाहते थे जो उसकी आन-बान और

चीते की प्रतियोगिता कुत्तो से

चीते की प्रतियोगिता कुत्तों से हो रही थी, लोग तुलना करना चाहते थे कि कौन तेज है? सभी हैरान थे कि चीता अपनी जगह से बाहर नहीं आया। लोगों ने रेस संयोजक से पूछा कि आखिर हुआ क्या? रेस संयोजक ने प्रतिक्रिया दी, कृपया इस तस्वीर पर गौर करें। कभी-कभी यह साबित करने कोशिश करना कि आप सबसे अच्छे हैं, "एक अपमान है"। हमें दूसरों के स्तर तक नीचे जाने की जरूरत नहीं है, किसी को समझाने की आवश्यकता नहीं कि हम सबसे बेहतर हैं। गहन विचार करें, अपनी ऊर्जा को सकारात्मक प्रयासों में लगायें, वो करें जो आपके मनोनुकूल हो। चीता अपनी गति का उपयोग शिकार करने के लिए करता है, ना कि कुत्तों को यह साबित करने के लिए कि वह तेज और मजबूत है। अपना मूल्य साबित करने के लिए अपना समय और ऊर्जा बर्बाद ना करें!! लेखक:-केशव राठौर Share on WhatsApp Facebook Share

एक नाग कि देवता बनने की कहानी

एक नाग एक मस्जिद के अंदर बिल में रहता था प्रतिदिन 06बार नमाज सुनता था प्रतिदिन की तकरीर भी ध्यान लगाकर सुनता रहता था एक दिन उसका मन हुआ नमाज की इतनी महिमा है तो नमाज मैं भी पढ़ लेता हूं शायद मुझे भी जन्नत मिल जाए, नाग एक दिन ठीक नमाज के समय बाहर निकल नमाजियों की लाइन में लगने चल पड़ा नमाजियों ने नाग देखा तो लाठी डंडे लेकर दौड़ा लिया अब नाग आगे-आगे नमाजी पीछे लाठी पत्थर लेकर, भागते-भागते नाग को एक पुराना सा मन्दिर दिख गया बेचारा वहीं घुसकर शिवलिंग से लिपट गया जान भी बच गई हिंदुओं ने जब शिवलिंग पर लिपटा नाग देखा तो शोर मच गया भीड़ जमा हो गई आरती पूजा शुरू हो गई हिंदु दूध पिलाने जुट गए नाग सोच रहा था कि मैं पहले कहां फंसा पड़ा था मैं तो नमाज पढ़ना चाहता था मुस्लिम तो मुझे जान से मारने जुट गए थे यहां तो सनातनी शिव मंदिर की शरण में दो घड़ी क्या आया यहां तो स्वयं नाग से शेषनाग बन गया यही अन्तर है इस्लाम और सनातन में नाग के हांथ पैर केवल नाग को दिखते हैं नाग के कान भी होते हैं जो नाग को ही दिखते हैं National Science Olympiad (NSO) Work Book for Class 5 - Quick Recap, MCQs